नवजोत सिंह ने पंजाब कैबिनेट से दिया इस्तीफा, ट्विटर हैंडलर पर हाथ से लिखी चिट्‌ठी शेयर की सिद्धू ने

5 वर्ष पहले
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अमृतसर. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद में रविवार को नया मोड़ आ गया। सिद्धू ने मंत्री पद से अपने इस्तीफे का ऐलान किया। उन्होंने ट्विटर पर 10 जून को लिखा एक पत्र शेयर किया है। सिद्धू 10 जून को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मिले थे। उन्होंने इस्तीफे की कॉपी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी भेजने की बात कही है। सिद्धू जनवरी 2017 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

 

जून में सिद्धू एक कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे थे। इसके बाद 6 जून को अमरिंदर ने उनका विभाग बदल दिया। सिद्धू से महत्वपूर्ण माना जाने वाला स्थानीय शासन विभाग ले लिया गया और उन्हें बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया था। हालांकि, सिद्धू ने नए मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला।

 

My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019. pic.twitter.com/WS3yYwmnPl

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 14, 2019

 

सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अहमद पटेल के साथ एक फोटो भी शेयर की थी।

 

Met the congress President, handed him my letter, appraised him of the situation ! pic.twitter.com/ZcLW0rr8r3

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) June 10, 2019

 

पत्नी को टिकट नहीं मिलने पर गहराया था विवाद 

लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने अमरिंदर के खिलाफ नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें अमरिंदर की वजह से अमृतसर सीट से टिकट नहीं मिला। वहीं, सिद्धू ने भी पत्नी का समर्थन किया था। हालांकि, अमरिंदर ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था।

 

पाक सेना प्रमुख से गले मिलने पर कैप्टन ने विरोध जताया था
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण में सिद्धू के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर कैप्टन अमरिंदर ने विरोध जताया था। इसके बाद 2018 में जब सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान गए तो अमरिंदर ने कहा था कि सिद्धू हाईकमान की परमिशन के बिना वहां गए हैं।

 

क्रिकेट से राजनीति तक सिद्धू  

1983 से 1999 तक सिद्धू क्रिकेट खिलाड़ी रहे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें भाजपा ने टिकट दिया। 2004 में वह अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। हालांकि, जनवरी 2007 में पुराने गैर-इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आते ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी। 2007 के उपचुनाव में भी सिद्धू ने अमृतसर सीट पर दोबारा जीत हासिल की थी। 2009 में उन्होंने अमृतसर सीट पर जीत हासिल की। मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया। 

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